Senior Citizens के लिए योग और हल्के व्यायाम | Elderly Yoga & Exercise Guide

उम्र बढ़ने के साथ शरीर की ताकत और लचीलापन धीरे-धीरे कम होने लगता है। ऐसे में नियमित योग और हल्का व्यायाम वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। यह न केवल शरीर को सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए कौन-कौन से योग और व्यायाम सबसे उपयुक्त हैं, उनके फायदे क्या हैं, और इन्हें करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

योग और व्यायाम क्यों ज़रूरी है वरिष्ठ नागरिकों के लिए?

बढ़ती उम्र में निष्क्रियता से मांसपेशियाँ और हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं। योग और हल्का व्यायाम शरीर को लचीला और मजबूत बनाए रखता है।

नियमित योग करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे सर्दी-जुकाम, गठिया, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

योग के ध्यान (Meditation) और प्राणायाम से तनाव, चिंता और नींद की समस्या कम होती है।

कई वरिष्ठ नागरिकों को संतुलन की समस्या होती है। योग और स्टेचिंग एक्सरसाइज से संतुलन में सुधार आता है और गिरने का खतरा कम होता है।


इससे शरीर में खिंचाव आता है और रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। संतुलन में सुधार आता है।

यह आसान संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है।

यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और घुटनों को भी सहारा देता है।

यह रीढ़ को लचीला बनाता है और पीठ दर्द में राहत देता है।

यह मानसिक तनाव को दूर करता है और शरीर को पूर्ण विश्राम देता है।

 नोट: यदि कोई बीमारी या शारीरिक असमर्थता है तो किसी प्रशिक्षित योगाचार्य या डॉक्टर की सलाह से ही योग करें।


हर दिन 20-30 मिनट की वॉक हृदय स्वास्थ्य और पाचन के लिए लाभकारी होती है।

गर्दन और कंधों को धीरे-धीरे घुमाने से जकड़न दूर होती है।

सरल स्ट्रेचिंग से रक्त प्रवाह बेहतर होता है।

यदि खड़े होकर व्यायाम मुश्किल हो, तो कुर्सी पर बैठकर हाथ-पैर की हल्की मूवमेंट करें।

यह श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।


नाक से बारी-बारी सांस लेना। इससे फेफड़े साफ होते हैं और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।

शांतिपूर्ण ध्वनि से मन को शांति मिलती है।

यदि कोई गंभीर बीमारी न हो तो कम तीव्रता में किया जा सकता है।

> चेतावनी: उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी होने पर प्राणायाम किसी योग विशेषज्ञ के निर्देशन में ही करें।


• खाली पेट या हल्का नाश्ता करके ही योग करें।

• अचानक कठिन आसनों से बचें।

• डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से परामर्श लें।

• अगर चक्कर आए, सांस फूलने लगे या दर्द हो तो तुरंत रुक जाएं।

• गर्मियों में ज्यादा पसीना आने पर पानी पीते रहें।


सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि वातावरण शांत और ऊर्जा से भरपूर होता है।

शुरू में 10-15 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे 30 मिनट तक बढ़ाएं।

यदि परिवार के अन्य सदस्य साथ योग करें तो मनोबल बढ़ता है।

अगर बाहर जाना संभव नहीं हो, तो ऑनलाइन वरिष्ठ नागरिकों के लिए योग क्लास जॉइन करें।


वरिष्ठ नागरिकों के लिए योग और हल्का व्यायाम एक ऐसा प्राकृतिक और सरल उपाय है जो उन्हें दवा के सहारे जीवन बिताने से बचा सकता है। यह न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि आत्मा को भी संतुष्ट करता है।

आपका एक छोटा-सा प्रयास—हर दिन थोड़ी देर योग और व्यायाम—आपके जीवन को कई वर्षों तक स्वस्थ और सुखद बना सकता है।

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे अपने माता-पिता, दादा-दादी या बुजुर्ग प्रियजनों के साथ जरूर साझा करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ