आजकल हर कोई फिट दिखना चाहता है। कुछ लोग कहते हैं कि “मुझे वजन कम करना है”, तो कुछ कहते हैं “मुझे फैट कम करना है”। पर क्या आपने कभी सोचा है कि वजन कम करना (Weight Loss) और फैट कम करना (Fat Loss) एक जैसी चीजें हैं या नहीं?
असल में, दोनों के बीच बहुत बड़ा फर्क होता है। अगर आप हेल्दी और लंबे समय तक टिकने वाली फिटनेस चाहते हैं, तो आपको इन दोनों के बीच के फर्क को समझना बेहद जरूरी है।
वेट लॉस का मतलब होता है शरीर के कुल वजन (Body Weight) में कमी आना। इसमें शामिल होता है:
• फैट
• मसल्स
• पानी
• बॉडी टिशू
मतलब अगर आपने सिर्फ खाना कम खाकर या ज्यादा पसीना बहाकर वजन कम किया है, तो जरूरी नहीं कि सिर्फ फैट ही कम हुआ हो। आपने मसल्स और पानी भी खोया हो सकता है, जो आपके शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
फैट लॉस का मतलब है शरीर के फैट (विशेषकर बॉडी फैट परसेंटेज) को कम करना, जबकि मसल्स को बचाकर रखना या बढ़ाना।
फैट लॉस में आप देखने में फिट, टोंड और एनर्जेटिक लगते हैं, भले ही आपका वजन बहुत ज़्यादा न घटा हो।
• बहुत कम कैलोरी खाना
• बहुत ज्यादा कार्डियो
• क्रैश डाइट्स
• फास्टिंग
• पानी की कमी
• मसल लॉस
• वीकनेस
• वजन जल्दी बढ़ जाने का खतरा
• मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है
• बैलेंस डाइट
• स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
• पर्याप्त प्रोटीन इनटेक
• नींद और रिकवरी
• धीरे-धीरे प्रोग्रेस
• टोंड बॉडी
• एनर्जी बनी रहती है
• मेटाबॉलिज्म तेज होता है
• लॉन्ग टर्म रिजल्ट्स
संकेत वेट लॉस फैट लॉस
वजन जल्दी गिरता है धीरे-धीरे घटता है
मसल्स घट जाती हैं बनी रहती हैं या बढ़ती हैं
एनर्जी लेवल कम हो सकता है अच्छा रहता है
बॉडी शेप ज्यादा फर्क नहीं दिखता स्लिम और टोंड लुक
मेज़रमेंट्स कम होते हैं सही तरीके से घटते हैं
• मसल्स बची रहती हैं या बनती हैं
• शरीर अंदर से मजबूत होता है
• वजन वापस जल्दी नहीं बढ़ता
• शरीर का शेप अच्छा दिखता है
• एनर्जी और हेल्थ दोनों बनी रहती है
1. हाई प्रोटीन डाइट लें – यह मसल्स बचाने में मदद करता है।
2. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें – वजन उठाना जरूरी है।
3. कार्डियो को बैलेंस करें – सिर्फ कार्डियो नहीं, स्ट्रेंथ जरूरी है।
4. नींद पूरी लें – रिकवरी के लिए जरूरी।
5. हाइड्रेटेड रहें – पानी की कमी न हो।
6. धीरे-धीरे लक्ष्य तय करें – हर हफ्ते 0.5-1 किलो फैट लॉस काफी है।
• क्रैश डाइट न अपनाएं
• खाना स्किप न करें
• सिर्फ स्केल पर भरोसा न करें
• बहुत तेज वेट लॉस न करें
• वेस्ट साइज, हिप साइज नापें
• मिरर में अंतर देखें
• फोटोज लें हर हफ्ते
बॉडी फैट स्केल का इस्तेमाल करें (जरूरत हो तो प्रोफेशनल से जांच कराएं)
फैट लॉस और वेट लॉस में फर्क जानना ही स्मार्ट फिटनेस की शुरुआत है।
अगर आप सिर्फ वजन कम करते हैं और मसल्स भी खो देते हैं, तो आप कमजोर दिख सकते हैं। लेकिन अगर आप फैट लॉस करते हैं और मसल्स को बनाए रखते हैं, तो आप फिट, स्मार्ट और हेल्दी नजर आएंगे।
इसलिए अगली बार जब आप डाइट या एक्सरसाइज शुरू करें, तो ध्यान रखें कि आपका टारगेट सिर्फ वजन घटाना नहीं, बल्कि फैट घटाना होना चाहिए।
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